पत्तलों से लाभ : (1) सबसे पहले तो उसे धोना नहीं पड़ेगा, हम सीधा मिट्टी में दबा सकते हैं (2) न पानी नष्ट होगाही कामवाली खनी पडेगी मासिक खर्च भी बचेगा4) न केमिकल उपयोग करने पडेंगे। (5) न केमिकल द्वारा शरीर को आंतरिक हानि पहुंचेगी। (6) अधिक से अधिक वक्ष उगाये जायेंगे. जिससे कि अधिक आक्सीजन भी मिलेगी(7) प्रदषण भी घटेगा। सबसे महत्वपूर्ण झूठे पत्तलों को एक जगह गाडने पर खाद निर्माण किया जा सकता है एवं मिटटी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। (9) पत्तल बनाने वालों को भी रोजगार होगा। (10) सबसे मुख्य लाभ, आप नदियों को दूषित होने से बड़े स्तर पर बचा सकते हैं जैसे कि आप जानते ही हैं कि पानी, आप बर्तन धोने में उपयोग कर रहे हो, वो केमिकल वला पहले नाले में जायेगा, फिरआगे जाकर नदियों में ही छोड़ जायेगा। जो जल प्रदूषण में आपको सहयोगी बनाता है। आजकल हर जगह भंडारे, विवाह शादियों, पार्टियों में डिस्पोजेबल जगह इन पत्तलों का प्रचन करना चाहिए।
आइये पत्तल की परंपरा को पुर्नजीवित करें